वित्तीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता क्यों है जरूरी?
आज के समय में आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना बहुत ज़रूरी हो गया है। अब वो ज़माना नहीं रहा जब महिलाएं अपने जीवनसाथी, माता-पिता या परिवार पर आर्थिक रूप से निर्भर रहा करती थीं। अब ज्यादातर महिलाएं खुद कमाकर अपने खर्च और भविष्य की जिम्मेदारी उठा रही हैं। हालांकि, अब भी भारत के कई हिस्सों में यह पुरानी सोच बनी हुई है कि महिलाएं पैसे के मामलों में दूसरों पर निर्भर रहें।
अच्छी बात यह है कि अब महिलाएं निवेश और बचत के जरिए अपना भविष्य सुरक्षित करने के रास्ते ढूंढ रही हैं। आज कई ऐसे सुरक्षित निवेश विकल्प मौजूद हैं, जो महिलाओं को आर्थिक आज़ादी देने में मदद कर सकते हैं।
एक सर्वे के मुताबिक, भारत में सिर्फ 24% महिलाएं ही अपनी बचत को निवेश में लगाती हैं, जबकि पुरुषों में यह संख्या 46% है। ये अंतर दिखाता है कि महिलाएं अभी भी आर्थिक रूप से पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो पाई हैं।
महिलाओं को निवेश क्यों करना चाहिए?
निवेश सिर्फ पैसे बढ़ाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह अपने भविष्य को सुरक्षित करने और फैसलों पर नियंत्रण पाने का तरीका है। फिर चाहे आप शादीशुदा हों, अकेली हों या रिटायर हो चुकी हों। जब आपके पास खुद के पैसे होते हैं, तो आप बिना किसी दबाव के निर्णय ले सकती हैं।
एक रिसर्च के अनुसार, जो महिलाएं निवेश करती हैं, वे केवल बचत करने वाली महिलाओं के मुकाबले 40% ज्यादा आत्मनिर्भर होती हैं।
निवेश से:
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पैसों में बढ़ोतरी होती है
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महंगाई से लड़ना आसान होता है
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लंबी अवधि में संपत्ति बनती है
जिंदगी में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है – जैसे नौकरी चले जाना, बीमारी या कोई और परेशानी। ऐसे समय में निवेश किया हुआ पैसा बहुत काम आता है। उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने ₹5000 म्यूचुअल फंड SIP में लगाएं, तो 12% की रिटर्न दर से 10 साल में ₹20 लाख से भी ज़्यादा बन सकते हैं।
महिलाएं आम तौर पर पुरुषों की तुलना में कम कमाती हैं और कई बार पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण करियर से ब्रेक भी लेती हैं। ऐसे में भविष्य की तैयारी उनके लिए और भी जरूरी हो जाती है।
कौन-सी दिक्कतें आती हैं और उनका हल क्या है?
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वित्तीय जानकारी की कमी:
कई महिलाओं को निवेश की जानकारी नहीं होती क्योंकि उन्हें कभी सिखाया ही नहीं गया।समाधान:
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आसान और भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी लेना शुरू करें
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SEBI और अन्य संगठनों के जागरूकता प्रोग्राम्स देखें
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विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें
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जोखिम का डर:
महिलाएं निवेश को लेकर डरती हैं, खासकर शेयर बाज़ार जैसी जगहों से।समाधान:
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छोटी रकम से शुरुआत करें
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म्यूचुअल फंड और SIP जैसी योजनाओं में निवेश करें
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धीरे-धीरे अनुभव बढ़ाएं
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निर्भरता की सोच:
कई महिलाएं अब भी मानती हैं कि पैसों से जुड़े फैसले परिवार के पुरुष सदस्य ही लें।समाधान:
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खुद से शुरुआत करें
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दूसरों से सीखें जो इस रास्ते पर आगे बढ़ चुकी हैं
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यह समझें कि निवेश केवल अमीरों का काम नहीं है – यह हर महिला का अधिकार है
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निवेश की शुरुआत कैसे करें?
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सीखना शुरू करें: कोई बेसिक कोर्स करें या यूट्यूब, ब्लॉग आदि से जानकारी लें
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SIP से शुरुआत करें: हर महीने थोड़ी-सी रकम लगाएं और इसे नियमित बनाएं
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नज़र रखें: अपने निवेश को समय-समय पर ट्रैक करें
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प्रेरणा लें: उन महिलाओं की कहानियां पढ़ें जो निवेश से आत्मनिर्भर बनी हैं
निष्कर्ष:
निवेश सिर्फ पैसा बनाने का तरीका नहीं है, यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक मजबूत साधन है। जब महिलाएं खुद अपने वित्तीय फैसले लेने लगती हैं, तो वे असली आज़ादी की ओर कदम बढ़ाती हैं।