Saturday, June 7, 2025
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पति -पत्नी को संभोग कब करना चाहिए वास्तु और ज्योतिष के अनुसार

 

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी के बीच संभोग (संभोग = शारीरिक संबंध) के लिए उचित समय और दिशा का चयन करना न केवल दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को भी संतुलित करता है। नीचे वास्तु और ज्योतिष के अनुसार मुख्य बिंदु दिए गए हैं:


🔶 वास्तु शास्त्र के अनुसार संभोग का सही समय और दिशा

  1. दिशा का महत्व:

    • दक्षिण-पश्चिम दिशा (South-West) – यह मुख्य शयनकक्ष की सर्वोत्तम दिशा मानी जाती है।

    • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोना बेहतर माना जाता है, इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

  2. कमरे का रंग:

    • रोमांस और संतुलन के लिए हल्के गुलाबी, क्रीम या हल्के नीले रंग उत्तम माने जाते हैं।

    • गहरे या तीव्र लाल रंगों से बचना चाहिए क्योंकि वे क्रोध और बेचैनी को बढ़ा सकते हैं।

  3. बेड की स्थिति:

    • बेड को दीवार से थोड़ा दूर रखना चाहिए।

    • बेड के नीचे खाली जगह होनी चाहिए – वहाँ सामान स्टोर न करें।


🔷 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संभोग का सही समय

  1. वार (दिन) के अनुसार:

    • सोमवार, बुधवार, शुक्रवार – शुभ और दाम्पत्य संबंधों के लिए अच्छे माने जाते हैं।

    • मंगलवार और शनिवार – इन दिनों को टालना बेहतर है क्योंकि ये ग्रह (मंगल, शनि) उग्र स्वभाव के होते हैं और तनाव का कारण बन सकते हैं।

    • रविवार – मध्यम फलदायी।

  2. चंद्रमा की स्थिति:

    • शुक्ल पक्ष (चंद्रमा की बढ़ती हुई अवस्था) – संभोग के लिए शुभ समय माना जाता है, यह सकारात्मक ऊर्जा और संतान सुख को बढ़ावा देता है।

    • कृष्ण पक्ष – संयम रखने की सलाह दी जाती है।

  3. नक्षत्र और तिथि:

    • रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, अनुराधा जैसे शुभ नक्षत्रों में संभोग करना कल्याणकारी होता है।

    • अष्टमी, नवमी, चौदस, अमावस्या – इन तिथियों को टालना बेहतर है।


🔸 दिन का सही समय (रात्रि का समय):

  • रात का समय ही संभोग के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है, विशेषकर रात्रि 9 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक।

  • सुबह या ब्रह्म मुहूर्त के समय संभोग न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह आध्यात्मिक ऊर्जा का समय होता है।


संक्षिप्त सुझाव (Dos & Don’ts):

करना चाहिए नहीं करना चाहिए
शुभ वार में ही संभोग करें अशुभ तिथि या वार पर टालें
शयनकक्ष की दिशा दक्षिण-पश्चिम रखें ईशान कोण में शयनकक्ष न रखें
चंद्रमा की स्थिति पर ध्यान दें चंद्रग्रहण या अमावस्या पर संभोग न करें
सकारात्मक माहौल बनाएं टीवी, मोबाइल, झगड़े से बचें

अगर आप चाहें तो इस विषय पर हमारा एक वीडियो भी है जिसे आप हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकते है वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करे  https://www.youtube.com/watch?v=rkvX5RxLuYQ

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